बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
अथवा
नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिए।
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नवीन लोक प्रशासन के दो उद्देश्य बताइए।
2. नवीन लोक प्रशासन का लक्ष्य बताइए।
3. नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख लक्षण बताइए।
4. नवीन लोक प्रशासन की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर -
नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य निम्नलिखित हैं-
1. प्रासंगिकता - परम्परागत लोक प्रशासन के लक्ष्य थे, कार्यकुशलता व मितव्ययिता जबकि नवीन लोक प्रशासन का लक्ष्य है प्रासंगिकता, अर्थात् सम्बद्ध सामाजिक समस्याओं के प्रति इसकी गहरी चिन्ता है। इसका मूल मन्तव्य है लोक प्रशासन का ज्ञान एवं शोध समाज की आवश्यकता के सन्दर्भ में 'प्रासंगिक' तथा 'संगतिपूर्ण' होना चाहिए।
अब लोक प्रशासन केवल पोस्डकॉर्ब तकनीक से ही सम्बद्ध नहीं रहा बल्कि लोक प्रशासन के अध्ययनकर्ताओं को समाज की मूलभूत चिन्ताओं में प्रत्यक्ष भागीदारी का अवसर मिला है। ह्वाइट बाल्डो ने बार-बार इस बात पर बल दिया है कि लोक प्रशासन उन मुद्दों से अछूता नहीं रह सकता जिनका सामना समाज को करना है।
2. मूल्य - नवीन लोक प्रशासन स्पष्ट रूप से आदर्शात्मक (Normative) है। यह परम्परावादी लोक प्रशासन के मूल्यों को छिपाने के व्यवहार तथा प्रक्रियात्मक तटस्थता को अस्वीकार करता है। मिन्नोब्रुक सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने यह स्पष्टतः कहा है कि मूल्य के प्रति तटस्थ लोक प्रशासन असम्भव है। बुद्धिजीवियों के स्तर पर, अमरीका में हाल के कुछ लेखों में लोक प्रशासन में नैतिकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। चूँकि लोक प्रशासन के कार्यों का विस्तार हो रहा है अतः यह जरूरी है कि सार्वजनिक पदाधिकारियों के क्रियाकलापों में नैतिकता के प्रति चेतना लायी जाए। नैतिक मूल्यों के प्रति फिर से जोर देने के कारण अनेक महत्वपूर्ण परिणाम सामने आये हैं जिनका लोक प्रशासन के अध्ययन पर प्रत्यक्ष एवं महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इससे लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व और नियन्त्रण की भावना के प्रति फिर से रुचि बढाने में मदद मिली है।
3. सामाजिक समता - परम्परागत लोक प्रशासन यथास्थितिवादी स्वरूप का था जबकि नवीन लोक प्रशासन सामाजिक समता के सिद्धान्त पर बल देता है। यह समाज के कमजोर वर्गों, जैसे महिलाओं-बच्चों तथा दलितों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए संवेदनशील रहता है। नवीन लोक प्रशासन का उद्देश्य विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग का अन्त करने के पश्चात् सामाजिक समता पर बल देना है।
4. परिवर्तन - सामाजिक समता की प्राप्ति के लिए नवीन लोक प्रशासन परिवर्तन पर बल देता है। यह समाज में यथास्थितिवाद, शोषण, सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को समाप्त कर समतायुक्त एवं शोषणविहीन नये समाज की स्थापना करता है। नवीन लोक प्रशासन समाज में परिवर्तन लाने के औजार के रूप में कार्य करता है।
यदि समाज का वर्तमान संकट गम्भीर सामाजिक संघर्षो का परिणाम है तो यह आवश्यक हो जाता है कि इन संघर्षो को व्याप्त करने का प्रयत्न किया जाए। इन संघर्षों को दूर करने के लिए यदि वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को तोड़ना आवश्यक हो तो लोक प्रशासन के विशेषज्ञ को साहस के साथ उनकी माँग करनी चाहिए और उसे केवल सुधारों के अथवा आवश्यक हो तो क्रान्ति के सम्बन्ध में सुझाव देकर ही सन्तुष्ट नहीं हो जाना चाहिए, बल्कि इस दृष्टि से समाज का पुनर्निर्माण करने के प्रयत्नों में भी योग देना चाहिए कि वह अभिव्यक्ति लक्ष्यों को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित कर सके।
नवीन लोक प्रशासन आचारशास्त्र, मूल्यों, अभिनव परिवर्तन तथा सामाजिक समानता पर बल देता है। इसके अनुसार मूल्यों की आधारशिला पर ही लोक प्रशासन की इमारत खड़ी की जा सकती है। लोक प्रशासन का औचित्य उसी स्थिति में सर्वमान्य होगा, जबकि समाज में व्याप्त विषमताओं, संघर्षों, आकांक्षाओं, सन्दर्भों एवं चिन्ताओं के उचित सामाधान किए जाएँ।
नवीन लोक प्रशासन के लक्षण
नवीन लोक प्रशासन की विचारधारा पूर्णतया नवीन या क्रान्तिकारी नहीं है बल्कि यह समयानुकूल दृष्टि से युक्त परम्परागत लोक प्रशासन में परिवर्धन की विचारधारा है।
(1) यह राजनीति तथा प्रशासन के मध्य द्विविभाजन को स्वीकार नहीं करती।
(2) नवीन लोक प्रशासन की मान्यता पूर्णतया मानवीय दृष्टिकोण की समर्थक है।
(3) यह विचारधारा लोक प्रशासन के मूल्य निरपेक्ष दृष्टिकोण को नकारती है तथा मूल्यों से परिपूर्ण प्रशासन का समर्थन करती है।
(4) नवीन लोक प्रशासन के समर्थक इसे प्रगतिशील विज्ञान बनाना चाहते हैं।
(5) यह ग्राहक केन्द्रित प्रशासन अर्थात् व्यक्ति की भावनाओं तथा आवश्यकताओं को केन्द्र-बिन्दु मानने पर जोर देता है।
(6) नवीन लोक प्रशासन के समर्थक परम्परागत मूल्य, दक्षता, मितव्ययिता तथा उत्पादकता के स्थान पर सामाजिक कार्य कुशलता तथा प्रभावशीलता पर बल देते हैं।
(7) नवीन लोक प्रशासन विकेन्द्रीकरण तथा प्रत्यायोजन का समर्थक है।
एफलेन कैरम्बफल के अनुसार नवीन लोक प्रशासन के समर्थकों द्वारा जो विषय बड़े जोर-शोर के साथ विश्व के सामने लाए गये वे वास्तव में नये नहीं थे, किन्तु यह सत्य है कि इन्हें नवीन लोक प्रशासन के प्रतिपादकों द्वारा अधिक बल तथा सामाजिक परिवर्तन के प्रति शक्तिशाली प्रतिबद्धता के साथ उठाया गया था।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।